गांव की पाठशाला का बुरा हाल हो गया। कितना सुहाना बचपन जाने कहां खो गया। गांव की पाठशाला का बुरा हाल हो गया। कितना सुहाना बचपन जाने कहां खो गया।
इतना सुंदर गाँव हमारा वो नहीं भूल सकते हैं। इतना सुंदर गाँव हमारा वो नहीं भूल सकते हैं।
सरपट-सरपट दौड़ा ट्रैक्टर, मेला देख हंसी-खुशी घर आये बच्चे। सरपट-सरपट दौड़ा ट्रैक्टर, मेला देख हंसी-खुशी घर आये बच्चे।
याद बहुत आता है अक्सर मुझको मेरा गांव, हरे भरे वो खेत बगीचे और बरगद की छांव.। याद बहुत आता है अक्सर मुझको मेरा गांव, हरे भरे वो खेत बगीचे और बरगद की छांव.।
गर्मी के जब दिन है आते, छांव तले लोग आ जाते। गर्मी के जब दिन है आते, छांव तले लोग आ जाते।
पेड़ लगाते हैं गांव वाले, और छाया ले लेते हैं शहरवाले, तुम जैसे बादलों की वजह से, खुदख़ुशी कर लेते ... पेड़ लगाते हैं गांव वाले, और छाया ले लेते हैं शहरवाले, तुम जैसे बादलों की वजह ...